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सोमवार, 19 जनवरी 2009

तेरा शुक्रिया...

भारत मल्होत्रा

मेरे जीवन में आने वाले तेरा शुक्रिया
मुझे अपना बनाने वाले तेरा शुक्रिया

बस यूं ही भटकता रहा मैं बेमकसद
मुझे सही राह दिखाने वाले तेरा शुक्रिया

मोहब्‍बत के नाम से अंजान था मैं
मुझे प्‍यार सिखाने वाले तेरा शुक्रिया

इक तलाश की ये जिंदगी मेरी
मुझे जिंदगी से मिलाने वाले तेरा शुक्रिया

माना कि तू साथ नहीं, तेरा ग़म तो साथ है
मुझे हंसा के रूलाने वाले तेरा शुक्रिया

1 टिप्पणी:

  1. सही बात है दोस्‍त जिंदगी जीने के लिए जिंदगी से मुलाकात होना बहुत जरूरी है। बशर्ते जिंदगी दगा ना दे तो........

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