भारत मल्होत्रा
आज भी याद है मुझे तेरा वो पहला स्पर्श
तेरा कोमल हाथों को छुआ था मैने,
उस अहसास की याद से आज भी सिहर जाता हूं मैं
वो पहली बार जब तेरे गालों को हाथों में लेकर
तेरे माथे को चूमा था मैने,
तुम शरमाकर लिपट गई थी मेरे आगोश में
जैसे इस दुनिया में हम दोनो के सिवा कोई न हो
तेरी उन धड़कनों को आज भी अपने सीने में महसूस करता हूं मैं
संजोए रखे हैं आज भी मैने वो खत
जिसमें अपने दिल की बात कही थी तुमने
तेरा कोमल हाथों को छुआ था मैने,
उस अहसास की याद से आज भी सिहर जाता हूं मैं
वो पहली बार जब तेरे गालों को हाथों में लेकर
तेरे माथे को चूमा था मैने,
तुम शरमाकर लिपट गई थी मेरे आगोश में
जैसे इस दुनिया में हम दोनो के सिवा कोई न हो
तेरी उन धड़कनों को आज भी अपने सीने में महसूस करता हूं मैं
संजोए रखे हैं आज भी मैने वो खत
जिसमें अपने दिल की बात कही थी तुमने
वो पल आज भी मुझे तेरे होने का अहसास दिलाते हैं
जो कभी साथ बिताए थे हमनें
बीते वक्त के आईने में आज भी तेरी सूरत देखता हूं मैं,
अब हम तुम जब मिलते हैं तो जमाना नहीं होता
अब तुम मेरी यादों में जो रहते हो
जहां भीड़ नहीं होती, बस तुम होती हो और होता हूं मैं
पहले जो तुमसे कभी नहीं कही अपनी बातें
वो सब बातें अपने दिल की तुमसे बेधड़क कहता हूं मैं।
अब तुम मेरी यादों में जो रहते हो
जहां भीड़ नहीं होती, बस तुम होती हो और होता हूं मैं
पहले जो तुमसे कभी नहीं कही अपनी बातें
वो सब बातें अपने दिल की तुमसे बेधड़क कहता हूं मैं।
गणतंत्र दिवस की आपको बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा......गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा......गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएं