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बुधवार, 28 जनवरी 2009

आओ बैठो जरा दो बातें करो...

भारत मल्‍होत्रा

आओ बैठो जरा दो बातें करो
कभी अपनी कहो, कभी मेरी सुनो
तुमको देखकर मुझको होता यकीं
तुमको पहले मैने देखा कहीं
तेरी ही सूरत मेरे दिल में बसी
तुम आओ तो जीवन में आए खुशी

अपने कदमों से दुनिया ये रोशन करो
मेरे जीवन से दूर अंधियारा करो,
आओ बैठो जरा दो बातें करो,
कभी अपनी कहो, कभी मेरी सुनो।

राह तेरी मैं हरपल देखा करुं
तेरी यादों के धागों से सपने बुनूं
तुम पाऊं ये मेरी है कामना
मेरे मन की है तेरी अराधना
तु ही मेरी खुशी, तुम ही मेरी हंसी
तु ही मेरे जीवन के कण कण में बसी

तुम भी कभी मुझको नयनों में भरो
पूरी मेरी कभी तो यह कामना करो
आओ बैठो जरा दो बातें करो
कभी अपनी कहो, कभी मेरी सुनो

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