भारत मल्होत्रा
संघर्ष... जीवन में हर पल करना होता है संघर्ष
अपनी जमीं तलाशने का संघर्ष...
अपनी पहचान बनाने का संघर्ष...
पर सबसे पहला संघर्ष खुद से ही होता है
यह समझाने का संघर्ष कि गर करना है उत्कर्ष
तो करना होगा संघर्ष...
फिर जाकर बात परिवार की आती है
मां, बाप, भाई, बहन बंधु- सखा
सभी को समझाना पड़ता है
कि क्यों सही है मेरा संघर्ष
मेरी वयक्गित समस्या है संघर्ष
और, उसका हल भी है वही संघर्ष
तब जाकर समाज के दायरे में पहुंचता है संघर्ष
और, फिर शुरु हो जाता है
अपनी जमीं तलाशने का संघर्ष
अपनी पहचान बनाने का संघर्ष
पर सबसे पहला संघर्ष खुद से होता है
यह समझाने का संघर्ष
कि गर करना है उत्कर्ष
तो करना होगा संघर्ष।
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vah vah bahut khoooooob acha likha hai good
जवाब देंहटाएंवास्तव में जीवन इक संघर्ष है. संघर्ष ही जीवन है.संघर्ष न हो तो जीवन का मजा भी नहीं है. कुल मिलकर यही जीवन है.
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