सच कहने से डरते हो।
और कहते हो मोहब्बत करते हो।।
आंखों में कोई, दिल में कोई, जुबां पर कोई और है।
अरे यह तो बताओ, इतना सब कैसे करते हो।।
तुम कहते हो, हम ग़ैर हैं तुम्हारे।
फिर यह बताओ, मेरे नाम से क्यों आहें भरते हो।।
लाख बचा लो, हमसे दामन।
हम जानते हैं, तुम भी हम पर मरते हो।।
चलो ठीक है हम नहीं आएंगे तुम्हारे सामने।
पर ये तो बताओ, क्या ख्यालों पर भी पहरा रखते हो।।
भारत मल्होत्रा
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बढ़िया है, लिखते रहिये. शुभकामनाऐं.
जवाब देंहटाएंजिंदा रहें आपकी मोहब्बतें। बधाई।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया लिखते हैं आप
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