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शनिवार, 7 मार्च 2009

हम सब दोगले हैं...

हां, हम सब दोगले हैं
आप मैं और हम सब
पहले दिन पूजते हैं कि कन्‍याओं को
ओर अगले ही दिन उन्‍हें गर्भ में मार देते हैं
घर की लक्ष्‍मी बनाकर घर लाते हैं उन्‍हें
और फिर अगले ही दिन उसे जिंदा जलाकर मार देते हैं
क्‍योंकि हम सब दोगले हैं आप मैं और हम सब
औरत को देवी मत बनाओ
क्‍योकि... देवी का काम देना है
और हम.. उसके त्‍याग को अपना हक मान लेते हैं
औरत को बस इंसान मान लो
सभी समस्‍याएं अपने आप समाप्‍त हो जाएंगी
उसके अधिकार और सम्‍मान की बात मत करो
वो खुद अपनी जमीन तलाश सकती है
उसकी मदद मत करो,
क्‍योंकि, वो हमारा तरीका होगा,
उसका नहीं जिसका हक बनता है
तुम बस... उसे ऐसा करने दो
लेकिन, हम ऐसा नहीं करेंगें
क्‍योंकि.... हम सब दोगले हैं
आप, मैं और हम सब।

भारत मल्‍होत्रा

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