हौसला, जिंदगी का नाम है दूसरा,
जो मिल गया मौज कर, भूल जा जो खो गया।
पल में जीना सीख ले, भूल जा कल की फिक्र,
झूम जा, झूम जा, तू खुशी में झूम जा।
तू ज़रा ये बता, क्या है तेरे गम की दवा
कुछ नहीं, कुछ नहीं, तू जरा सा मुस्कुरा।
क्यों समझता है कि तेरे पास कुछ भी नहीं
देख नजरें खोल के, सामने जमाना खड़ा।
मुट्ठी मे सितारे तेरे, पैरों तले है आसमां
कर के जरा हौसला, कदम आगे तू बढ़ा।
कामयाब होना है तो बात ये जान ले
छोड़ बात गैरों की, खुद से तू नजर मिला।
भारत मल्होत्रा
सोमवार, 16 मार्च 2009
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