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शुक्रवार, 9 अप्रैल 2010

..तेरा इरादा क्‍या है

मैं खुशनसीब हूं, मेरे पास बाकी है तेरी याद
तू सोच आखि‍र तेरे पास रखा क्‍या है

मेरे वजूद पर लगा है तेरा पहरा
हर जगह तू, बाकी अब मेरा क्‍या है

छोड़कर जाने वाले मुझे तन्‍हाई में
इतना तो बता कि‍ मेरी ख़ता क्‍या है

मि‍टा हूं मैं जि‍नके लि‍ये अब तक
वो पूछते हैं मुझसे मेरा वजूद क्‍या है

मैं तो लहर हूं, दरि‍या की मौज के संग जी लूंगा
तू हवा है, तू बता आखि‍र तेरा इरादा क्‍या है

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